Jaat movie review in hindi: सनी देओल ने बॉक्स ऑफिस को फाड़ कर रख दिया कमाया इतना पैसा

Jaat movie review in hindi: आपको जानकर खुशी होगी की सनी देओल अपने पुराने अंदाज़ में आ गए है “Jaat” मूवी सिर्फ एक एक्शन फिल्म नहीं है बल्कि ये एक तरह से 90 के दशक की मर्दानगी वाली फिल्मों को 2025 की दुनिया में दोबारा लाने की कोशिश है। इस रिव्यू में हम इसे सिर्फ एक फिल्म की तरह नहीं देखते है बल्कि हम इसको एक “सांस्कृतिक टाइम कैप्सूल” की तरह देखते है —जहाँ पुराने हीरो के स्टाइल को नए जमाने के दर्शकों के सामने पेश किया गया है। आइए हम इस आर्टिकल के द्वारा ऐसा रिव्यु करने जा रहे जो अन्य वेबसाइट नहीं करती

कहानी: पुराने मिथकों की आज की कहानी

कहानी एक तटीय गाँव से शुरू होती है जहाँ रणतुंगा (रणदीप हुड्डा) नाम का एक क्रूर गुंडा लोगों पर राज और अत्याचार करता है। फिर आता है सनी देओल का किरदार—जो फिल्म के पहले हिस्से में वो सब कुछ नहीं बताया है और बाद में एक “न्याय के अवतार” की तरह सामने आता है।

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यह कहानी साधारण ‘अच्छाई बनाम बुराई’ जैसी लग सकती है, लेकिन अगर ध्यान से देखें तो यह रामायण या महाभारत जैसे पुराने मिथकों से प्रेरित लगती है—जहाँ सनी देओल भगवान राम या भीम जैसे नायक बनकर सामने आते हैं, और रणदीप रावण जैसी ताकत का प्रतीक बन जाते हैं।

सनी देओल: वही पुराना जोश, नई दुनिया में

सनी देओल का एक फेमस डायलॉग है “ढाई किलो का हाथ” आज वो फिर सिनेमा घर में दोबारा गूंजता दिखता है और उनके डायलॉग्स पर थिएटर में तालियाँ भी बजती हैं। लेकिन सवाल ये है—क्या ये किरदार कुछ नया दिखाता है या फिर से वही पुराना रोल दोहराता है?

सनी देओल की परफॉर्मेंस बहुत अच्छी है लेकिन किरदार वही पुराना गुस्सैल और एक आदमी कितनो को मारता है वो वाला कैरेक्टर है । लेकिन देखे तो लोग 2025 में जहाँ दर्शक और गहराई चाहते हैं वहाँ यह रोल थोड़ा सा पिछड़ा हुआ सा लगता है।

रणदीप हुड्डा: विलेन नहीं, फिल्म की जान

रणदीप हुड्डा का किरदार रणतुंगा बहुत ही दमदार और खलनायक है। वो सिर्फ खलनायक नहीं बल्कि पूरी कहानी की जान है। उसकी क्रूरता, चालाकी और भावनाएं फिल्म को एक अलग स्तर पर ले जाती हैं। इस फिल्म में रणदीप हूडा सनी देओल पर भारी पड़ गए है

कहीं न कहीं, फिल्म की असली ताकत रणदीप का अभिनय है, न कि सिर्फ सनी देओल की मौजूदगी।

एक्शन और मसाला: थोड़ा ज्यादा हो गया?

फिल्म में एक्शन बहुत सारा है—कुछ कमियाँ भी है जैसे धीमी गति वाले पंच, फैन से पिटाई, और समुद्र किनारे चेज़ सीन। ये सीन्स देखने में मजेदार हैं, लेकिन बार-बार वही स्टाइल दोहराया जाता है।

153 मिनट की फिल्म में कुछ सीन थकाऊ लगते हैं कुछ कुछ सीन को देखकर तो ऐसा लगता है की जैसे मानो सिर्फ एक्शन सीन को दिखाने के लिए हे सीन को खींचा जा रहा है । उर्वशी रौतेला का आइटम नंबर “सॉरी बोल” भी कहानी से ज्यादा अलग लगता है।

महिला किरदार: बस साथ या खुद की पहचान

फिल्म में रेनिगा कैसेंड्रा और सैयामी खेर जैसे महिला किरदार हैं लेकिन उनके किरदार में कुछ हद तक कमी दिखती है

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रेनिगा का किरदार शुरुआत में सबको पसंद है लेकिन बाद में साइडलाइन हो जाता है। सैयामी की पुलिस ऑफिसर वाली भूमिका थोड़ी एक्शन में दिखती है मगर स्क्रिप्ट उन्हें और मौका नहीं देती नहीं तो उनका किरदार भी फिल्म में जान डाल सकता था

2025 की फिल्मों में महिला किरदारों को और ताकतवर दिखाया जाता है, लेकिन “Jaat” उस मामले में थोड़ा पीछे रह जाती है।

संगीत और माहौल: थमन का तड़का

थमन का बैकग्राउंड म्यूजिक जबरदस्त है। एक्शन सीन्स में संगीत जबरदस्त काम करता है और फिल्म की एनर्जी बनाए रखता हैम्यूजिक फिल्म का हार्ट होता है जो कहानी चले या न चले लेकिन म्यूजिक जरूर चलता है

हालांकि कुछ गाने जैसे “टच किया” और “जaat थीम” फिल्म की रफ्तार को धीमा कर देते हैं। गाने 90 के दशक की याद दिलाते हैं, लेकिन आज के ट्रेंड्स से थोड़े पुराने लगते हैं।

अंत में: पुरानी फिल्म की नई पैकेजिंग

“Jaat” एक तरह से देखे तो 90 के दशक की फिल्मों को नए ज़माने के सामने पेश करने की पूरी कोशिश की है लेकिन उनको साइड एक्टर्स पर ध्यान देना था

  • लेकिन अगर आप सनी देओल के फैन हैं, तो ये फिल्म आपको ज़रूर पसंद आएगी।
  • लेकिन अगर आप कुछ नया और गहराई भरा सिनेमा ढूंढ रहे हैं, तो ये फिल्म आपको अधूरी लगेगी।

ये फिल्म न तो पूरी तरह से बेकार है और न ही कोई मास्टरपीस—ये एक मसाला फिल्म है जो कुछ के लिए मजेदार है और कुछ के लिए थकाऊ।

✅ क्यों देखें

  • सनी देओल की दमदार वापसी
  • रणदीप हुड्डा का जबरदस्त अभिनय
  • पुराने जमाने का असली एक्शन

❌ क्यों छोड़ें?

  • कहानी में गहराई की कमी
  • एक जैसे एक्शन सीन
  • महिला किरदारों को कम स्पेस

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